झर झर......... चिक चिक...... फिर से वही आवाज ..... लगता है फिर से सुकन्या का अभ्यास दरवाजे से बाहर शुरू हो गया है ! उसे देखना तो चाहती हूं , लेकिन कही वो डर ना जाए यही सोच के अंदर बैठी हूं । आप सब सोच रहे होंगे कि ये सुकन्या है कोन? ये है एक प्यारी सी , छोटी सी गिलहरी जिसने अभी अभी हमारे रसोई के बाहर छोटे से छज्जे पर अपना आशियाना बना लिया है । वो है इतनी प्यारी और शर्मीली सी,कि उसका नाम मैंने सुकन्या रख दिया है। कुछ दिनों से देख रही हूं कि दिन भर दौड़ दौड़ कर फूस जैसा कुछ ले कर बगीचे से ऊपर छत की तरफ जाती है जिस से मुझे समझ ही न आए की ये सब सामान वो जमा कहां कर रही हैं फिर पूरा चक्कर लगा कर छज्जे तक आती होगी । अब समझ आया कि ये सब तैयारी हो रही थी एक छोटे से गिल्लू गिलहरी की।। जी हां अभी आशियाने में एक छोटा गिलहरी भी आ गया है , इसीलिए पास जाकर नही देखा की कही वह अपने बच्चे को लेकर असुरक्षित महसूस न करें । बच्चा अभी बहुत छोटा हैं इसीलिए बाहर नही आ रहा था, आप जानकर हैरान होंगे की गिलहरी की नजरे हमसे बहुत तेज होती हैं लेकिन गिलहरी का बच्चा देख भी नहीं सकता जन्म के कुछ दिनो...