आमला का रामटेक मंदिर, बरसात के दिनों में
आज कुछ मित्रों के साथ रामटेक मंदिर जाने का मौका मिला। अमला रेलवे स्टेशन से अगर आप बैतूल की तरफ चलेंगे तो लगभग ५ किलोमीटर की दुरी पर हासलपुर गाँव में यह मंदिर स्थित है। मंदिर आसपास की जमीन से कुछ ऊंचाई पर स्थित है। संभवतया ये ऊंचाई आसपास की दूसरी पहाड़ियों की तुलना में सर्वाधिक है।
मंदिर पहुँचने का रास्ता
मंदिर में जाने के लिए बहुत ही आसानी से पूरी की जा सकने वाली ऊंचाई है एवं उसके बाद लगभग बीस सीढ़ियां है। बहुत ही शांति के साथ भी अगर शरू किया जाये तो महज दस मिनट में मुख्य सड़क से मंदिर तक पैदल यात्रा पूरी की जा सकती है। दुपहिया वाहन से तो सीधे मंदिर तक की सीढ़ियों तक का सफर भी पूरा कर सकते हैं। चौपहिया वहां से हालांकि ऐसा करना शायद मुश्किल होगा , क्योंकि रास्ता बहुत ही उबड़ खाबड़ एवं पथरीला है। हालाँकि चौपहिया वाहन को मुख्य मार्ग के पास ही छोड़ सकते हैं, बिना किसी असुरक्षा की भावना के।
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मंदिर प्रांगण की ओर बढ़ते हुए हम लोग |
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मंदिर प्रांगण जाने वाली सीढ़ियाँ
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मंदिर प्रांगण की सीढ़ियों से दिखने वाला विहंगम दृश्य
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मंदिर के पास दुकानों की उपलब्धता
मुख्य मार्ग के पास केवल दो ही दुकानें हैं। इन दुकानों पर पीने का पानी, कोल्ड ड्रिंक, नमकीन बिस्कुट जैसी बहुत ही साधारण सी खान पान की वस्तुए उपलब्ध हैं।
मंदिर प्रांगण
सीढ़ियां पूरी करने के पश्चात मंदिर प्रांगण का मुख्य द्वार आता है जहाँ पर एक सुन्दर सी मंदिर की घण्टी लटकी हुई है। मंदिर प्रांगण में तीन भवन मौजूद हैं। इनमे से एक शायद पंचायत द्वारा बनाया गया विश्राम स्थल एवं बाकी दो भवन मुख्य मंदिर का हिस्सा हैं। सबसे पहला भवन हनुमान जी की एक विशालकाय मूर्ति को स्थापित किये हुए है। वैसे मूर्ति बहुत विशाल है एवं उसके अनुरूप भवन की ऊंचाई थोड़ी कम प्रतीत होती है। भवन की इस कम ऊंचाई ने हनुमान जी की प्रतिमा के सौंदर्य को शायद थोड़ा सा कम कर दिया है।
मंदिर के प्रांगण में दूसरे भवन में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है। यह भवन दूसरे भवन की तुलना में थोड़ा पुराना जान पड़ता है। यह भवन अच्छे से रंग रोगन किया हुआ है।
इन दो भवनों के अलावा कुछ और मूर्तियों भी प्रांगण में स्थित हैं। इनमे से एक मूर्ति शायद शनि देव जी की पूजा हेतु स्थापित की गयी है। दूसरी मूर्ति के बारे में लेखक को पूर्ण जानकारी नहीं है। हालाँकि आसपास के भक्तों में इन दोनों ही मूर्तियों के लिए आस्था देखने योग्य है क्योंकि सभी आसपास के भक्त इन दोनों मूर्तियों पर अपना शीश नवा कर जाते हैं।
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मंदिर प्रांगण के मुख्य गेट पर बंधी घंटी
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मंदिर प्रांगण में स्थित सुन्दर भवन
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मंदिर प्रांगण में स्थित सुन्दर भवन |
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मंदिर प्रांगण में स्थित सुन्दर भवन |
मंदिर प्रांगण में सुविधाएं
मंदिर प्रांगण में कोई भी पेड़ वर्तमान में स्थित नहीं है। हालाँकि गायत्री परिवार आमला द्वारा कोरोना काल में पुरे रामटेकरी को नए पौधों से पाट दिया है एवं इसका फ़ल आने वाले कुछ सालों में एक लहलहाते बाग़ के रूप में देखने को मिलेगा। फिर भी किसी अधिक तापमान वाले दिन में , वर्तमान समय में रामटेकरी पर जाना असुविधाजनक ही रहेगा।हालाँकि गर्मी के दिनों में भी शाम का समय यहाँ आने के सबसे अनुकूल होगा।
पीने के पानी एवं शौचालय जैसी भी कोई सुविधा वर्तमान में रामटेकरी पर उपलब्ध नहीं है, इसका ख्याल भी आगुन्तकों को यहाँ आने से पहले रखना पड़ेगा। हो सकता है आने वाले समय में कोई संस्था ये मूलभूत सुविधाएं रामटेकरी पर उपलब्ध भी करा दें।
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मंदिर प्रांगण में गायत्री परिवार आमला द्वारा किया गया वृक्षारोपण
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मंदिर प्रांगण में गायत्री परिवार आमला द्वारा किया गया वृक्षारोपण |
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मंदिर प्रांगण में गायत्री परिवार आमला द्वारा किया गया वृक्षारोपण |
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मंदिर प्रांगण में गायत्री परिवार आमला द्वारा किया गया वृक्षारोपण |
प्रांगण से आसपास का नज़ारा
रामटेकरी से आसपास का दृश्य बहुत ही सुहाना लगता है। दूर क्षितिज़ में बोधकी गाँव एवं आमला क़स्बा यहाँ से दिखाई पड़ता है जो की एक अलग तरह की अनुभूति प्रदान करता है। ससावड गाँव भी इस ऊंचाई से दिखाई पड़ता है, जो की सुखद अहसास प्रदान करता है। आमला से बैतूल सड़क पर चलते हुए वाहन जो की इस ऊंचाई से बहुत ही छोटे प्रतीत होते हैं, देखने में बहुत अच्छे लगते हैं। रामटेक के पास ही स्थित हसलपुर गाँव का तालाब भी इस ऊंचाई से देखने में काफी अच्छा लगता है।
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मंदिर के आस पास के लुभावने दृश्य
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मंदिर के आस पास के लुभावने दृश्य |
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मंदिर के आस पास के लुभावने दृश्य |
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बेवजह के टशन में खड़ा लेखक
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मंदिर के आस पास के लुभावने दृश्य |
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मंदिर के आस पास के लुभावने दृश्य |
बैतूल से आमला रेलवे लाइन पर चलने वाली ट्रेन भी यहाँ से सरकती हुई सी प्रतीत होती हैं। क्योंकि इस रूट पर काफी साड़ी ट्रैन दौड़ती हैं , तो संभव है की अगर आप आधा घंटा यहाँ रुकें तो आप कई दौड़ती हुई ट्रैन के साक्षी बनें।
रात के समय दूर दूर स्थित गाँवों, एवं आमले कस्बे की टिमटिमाती हुई लाइट्स अवश्य ही इस ऊंचाई से एक अलग ही अहसास देती होंगी।
रामटेक की पहाड़ी के चारों तरफ एक ट्रैक भी बना हुआ है जो बताता है की यहाँ पर सुबह शाम स्वास्थ्य लाभ के लिए पैदल चलने वाले लोगों की भी भरमार रहती होगी।
अतः अगर आप एक बार इस ऊंचाई से आस पास के नज़रों का आनंद लेना चाहें , अगर आप धार्मिक भावना से मंदिर देखना चाहें और या अगर आप स्वास्थ्य लाभ के लिए पैदल घूमना चाहें तो रामटेक मंदिर आपका स्वागत कर रहा है!!
--**इति सिद्धं**--
आपने रामटेक पहाड़ के बारे में बहुत बढ़िया दिखाएं प्रकृति की सुंदर दृश्य का बहुत ही अच्छा विवरण किया है एवं अपने एक अच्छे इमेज की भी प्रस्तुति की है आमला नगर आपका बहुत-बहुत आभार प्रकट करता है लेखक जी
ReplyDeletebahaut bahaut dhanyawad babu ji
DeleteNice article brother
Deleteमध्य प्रदेश के बैतूल जिले में स्थित आमला शहर के रामटेक पहाड़ का एक अच्छा विवरण किया है आपने
ReplyDeleteअच्छे विवरण के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
dhanyawad babu ji
DeleteAdbhut vivran k sath hi adbhut dharsya...
ReplyDeleteThank you ☺️
DeleteNice article brother
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