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Showing posts from July, 2022

सहारनपुर में लगातार कम होती बारिश पर विचार।

सावन का महीना चल रहा है, लेकिन सहारनपुर जिले में लगातार कम होती बारिश एक विचारणीय प्रश्न बनता जा रहा है। कई लोगों से बात हुई एवं लोगों से इसके कारण जानने का प्रयास किया। लोगों से प्राप्त ऐसे ही कुछ कारणों को आपके समक्ष प्रस्तुत है।  1. सहारनपुर जिले के भूगोल विषय के छात्रों से इस बारे में बात हुई। भूगोल में स्नातक की पढ़ाई कर रहे सोनू जी ने बाइक से उतरते हुए हमे विषय की गहराई से अवगत कराया। महोदय पैंट एवं शोर्ट्स के बीच की कोई चीज पहने हुए थे। बाइक पर बैठे हुए यह चीज शोर्ट्स बनने के लिए घुटनो तक जाकर शोर्ट्स बनने की तरफ लालायित थी। सोनू जी ने बाइक से उतरते ही अपनी पूरी शारीरिक क्षमता का प्रयोग करते हुए इसे नीचे की तरफ खींचा एवं वापिस से इसको पैंट बनने की तरफ बढ़ा दिया। क्षेत्र में अपनी धुली हुई मोजों को लोगों को दिखाने का क्रेज इस नए बने फैशन की वजह है।  खैर सोनू जी ने क्षेत्र में निम्न दाब का क्षेत्र ठीक से न बन पाना, घटती हुई बारिश का कारण बताया। सोनू जी ने बताया की आर्द्र हवाएं जो पानी लेकर अपने साथ चलती है वो निम्न दाब के क्षेत्र की तलाश में आगे बढ़ती हैं। जैसे ही ये हवाएं...

क्षेत्र में सावन के महीने में मिलने वाली घेवर की मिठाई पर एक टिप्पणी।

सहारनपुर में इस बार सावन के दौरान जाना हुआ। कई अलग अलग दुकानों से अलग अलग कारणों से घेवर इस बार खरीदना पड़ा। मुख्यत छः अलग अलग जगह से मैंने इस बार घेवर खरीदा। इन्ही जगहों से खरीदे गए घेवर का एक रिव्यू आप लोगों के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। 6. छटवे नंबर पर है, सहारनपुर घंटाघर पर स्थित जनता स्वीट्स का घेवर। घंटा घर पर कई सारी दुकानें स्थित हैं। बहुत ही महंगी मिठाईयां इन दुकानों द्वारा बेची जाती रही है। लगभग क्वालिटी एवं रेट में सभी दुकानें एक ही जैसी है। इस बार सबसे पहले मैंने इसी दुकान से घेवर खरीदा। घेवर का रेट इस दुकान पर 700 रूपये किलो के करीब था। इतना ज्यादा रेट होने के बावजूद भी ये लोग घेवर का का जो ओरिजिनल स्वाद होता है, उसको मेंटेन नही कर पा रहे हैं। घेवर में खुशबू देने के लिए जबरदस्ती कुछ नई चीजों को डाला जा रहा है जिनसे की घेवर की ओरिजिनेलिटी नही रह गई है। चासनी के नाम पर अब इनके यहां घेवर पर चॉकलेट भी इस्तेमाल होनी शुरू हो गई है। सिर्फ सावन में मिलने वाली घेवर जैसी मिठाई को, साल भर मिलने वाली चॉकलेट मिलाकर, बर्बाद करने की कवायद इस समय, घंटाघर पर स्थित सभी दुकानों प...

छोटा महादेव मंदिर सारणी

आज छोटा महादेव मंदिर जाने का मन हुआ। मंदिर बैतूल जिले की सारणी तहसील के पास स्थित है। मौसम बहुत अच्छा है। बारिश आने की संभावना लगभग न के बराबर है, हालांकि जिले को इस समय बारिश की बहुत ज्यादा आवश्यकता है। जिले में इस बार पूर्व की अपेक्षा बहुत कम बारिश दिखाई पड़ रही है।  रास्तों में ट्रैफिक लगभग न के बराबर है।  यात्रा का पहला पड़ाव एक चाय पीने के लिए बोरी खुर्द नाम के गांव पर रहा। यहां चौराहे से मुझे मुख्य सड़क जो कि आमला को छिंदवाड़ा जिले को जोड़ती है, से अलग होना था, एवं सारणी मार्ग पर मुड़ना था। चौराहे पर कई सारी दुकानें स्थित हैं। इन्ही में से एक दूकान पर चाय पीने का मन हुआ। चाय कोयले पर बनाई जा रही है। चाय की कीमत पांच रूपये है। चाय बनाने के लिए प्रयोग की जा रही अंगीठी का फोटो लेने का मन हुआ, तो नीचे आपको भी दिखा रहे हैं।