वृक्षा रोपण से ग्राम पंचायत ने कमाये लाखों रुपये
सभी मित्रों को हाथ जोड़ कर विनम्र नमस्कार,
आज दिन में समाचार पत्र पढ़ते हुए बहुत ही अच्छी जानकारी मिली महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के बारे में।
मैं इसको आप लोगों के साथ साझा करना चाहता हूँ।
यह घटना राजस्थान के भरतपुर जिले के नेवादा गांव की है। असल में राजस्थान में राज्य सरकार ने पंचपाल नाम से एक योजना संयोजित की हुई है। इस योजना के तहत वृक्षा रोपण का कार्य किया गया है। इस योजना के कारण न की ग्राम पंचायतों को आमदनी होनी शुरू हुई है अपितु चारागाह के लिए उपयुक्क्त जमीनों पर अवैध कब्जों पर भी लगाम कास दी गयी है। इसके साथ ही साथ इस योजना ने खेती योग्य भूमि का राजस्थान में लगातार सिकुड़ते स्तर को भी कम करने में सफलता प्राप्त की है।
नेवादा गांव में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत 3000 फलदार एवं 1000 अन्य पौधों को लगाया गया है। यह पौधे ग्राम पंचायत के लिए पूर्णकालिक आय का स्त्रोत भी बन गए हैं। इसके साथ साथ इन पौधों ने क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने का भी कम किया है। इससे ग्रामीण लोगों में खाली भूमि पर वृक्षा रोपण करने के बारे में जाग्रति भी आई है।
प्रथम वर्ष इन पेड़ों ने ग्राम पंचायत को 50000 रुपये की वार्षिक आय दी है। 2 वर्ष पश्चात 5 लाख रुपये की आमदनी का अनुमान लगाया जा रहा है।
ग्राम प्रधान ने भूमि का समतली करण एवं झाड़ झंखाड़ को निका लने का कार्य महात्मा गांधी रोजगार योजना के अंतर्गत आने वाले मजदूरों से संपन्न करा लिया गया था। वृक्षा रोपण का कार्य क्षेत्र के अनुभवी लोगों की देख रेख में किया गया था।
ग्राम प्रधान की ऐसी सूझ बूझ पश्चिम उत्तरप्रदेश के गांव में मिलना अब आवश्यकता हो गया है। हमारे क्षेत्र में सरकारी पट्टो एवं ग्राम समाज की अन्य भूमि पर कब्जे एवं लड़ाई होना आम बात है। क्षेत्र में किसी ग्राम प्रधान की पूर्व की दूरदर्शी सोच न की इस लड़ाई पर अंकुश लगा सकती थी वरन ग्राम पंचायत के लिए वर्त्तमान में एक बहुत बड़ा आय का स्त्रोत बन चुकी होती। यह आय गांव के विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों में लगायी जा सकती थी।
आशा है नयी पीढ़ी के वर्त्तमान प्रधान इस और अपना धयान केंद्रित करेंगे।
धन्यवाद्।
आप सभी का छोटा भाई।
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