सहारनपुर जिले में निर्विरोध चुने गए ग्राम प्रधानों की सूची
जिला सहारनपुर में पंचायत चुनाव समाप्त हो चुका है। विजयी प्रत्याशी जहाँ एक तरफ फुले नहीं समा रहे हैं , वहीँ दूसरी तरफ हारे हुए प्रत्याशी बहुत मायूस हैं एवं खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
जिला सहारनपुर के कुछ गाँव ऐसे भी हैं जिनमे आपसी भाईचारे एवं सौहार्द की बहुत अच्छी तस्वीर सामने आई है। इन गाँव में, गाँव वासियों ने बिना किसी हील हुज्जत के आपस में मिल बैठ कर ही, बिना किसी चुनावी प्रक्रिया के, अपने गाँव के नेता को अपने बीच से ही चुन लिया है।
पंचायत चुनाव 2021 में, सहारनपुर जिले निर्विरोध चुने गए ग्राम प्रधानों की सूची इस प्रकार है :-
10 - बलियाखेडी | 45 - कपूरपुर | अनुसूचित जाति महिला | सीमा | प्रेमदास | अनुसूचित जाति | हाईस्कूल | महिला | निर्विरोध |
6 - सरसावा | 94 - कुण्डी | महिला | मेमवती | श्याम | अनारक्षित | प्राईमरी | महिला | निर्विरोध |
केवल दो गाँव !!
जी हाँ, ठीक पढ़ा आपने। केवल दो ही गाँव। बलियाखेड़ी ब्लॉक का कपूरपुर और सरसावा ब्लॉक का कुण्डी गाँव, जिला सहारनपुर के मात्र दो गाँव हैं जिसमे प्रधान पद के लिए गाँव वालों के बीच आपसी सहमति बन पायी है।
जहाँ एक तरफ पंचायत चुनावों का समर्थन करने वाले लोग, पंचायतो को लोकतांत्रिक मुख्य स्तम्भ मानते हैं, वहीँ दूसरी तरफ पंचायत चुनावों की वजह से गांव में बिगड़ता भाई चारा चिंताजनक विषय है। सभी लोग पंचायत चुनावों को एक लोकतान्त्रिक प्रक्रिया मात्र न लेकर, इन चुनावों को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना ले रहे हैं, जो कि आपसी द्वेष एवं झगडे का कारण बनते हैं। उत्तरप्रदेश में पंचायत चुनाव 2021 में भी कई अलग अलग जिलों से चुनावी हिंसा की घटनाएं सामने आयी हैं। जहाँ संसार सारे ही क्षेत्रों में आगे जा चुका है, ऐसे में कुछ एक वोट के ऊपर, लोगों की हत्या हो जाना हतप्रभ करता है।
सकारात्मक चीज़ें लेकिन शिक्षित युवा वर्ग की तरफ से दिखाई भी पड़ रही हैं। गाँव का शिक्षित वर्ग अब बदलाव चाहता है। कार्य को आज का शिक्षित वर्ग पसंद कर रहा है जिससे की गाँव आगे बढ़ता हो। ये एक सकारात्मक पहल है। लोग कार्य कर सकने वाले लोगों को पसंद हैं, अपितु परिवारवाद निकल कर उनको अपना नेता भी मान रहे हैं।
Example set Kiya in logo ne.
ReplyDeleteThank you very Much.
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