Skip to main content

NAKUR KSHETRA PANCHAYAT ELECTION 2020-21

 

NAKUR KSHETRA PANCHAYAT ELECTION 2020-21 

सहारनपुर जिले के नकुड़ ब्लॉक की क्षेत्र पंचायतों में विजयी  उम्मीदवारों  की लिस्ट आपके सामने दी जा रही है. 

यह लिस्ट मई 03, 2021 रात्रि 10 :34  मिनट तक आये हुए रिजल्ट का ब्यौरा ही देती हैं. 

आगे आने वाले रिजल्ट्स के साथ इस  अपडेट किया जायेगा. 

रिजल्ट  करने  के लिए आप यहाँ क्लिक कर सकते हैं :- 

NAKUR KSHETRA PANCHAYAT ELECTION 2020-21

कृपया फाइल को अपडेट होने  समय प्रतीक्षा करें. 

करें. 


 

 

 यह भी देखें :- 

 

अपने प्रश्न निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछें.

Comments

Post a Comment

Thank you Very much for your suggestions and feedback

Popular posts from this blog

क्यों आमला (मध्यप्रदेश) में मिले मुजफ्फरनगर वासी ?

आमला से गांव देहात की तरफ जाते हुए मुझे अचानक ही एक घाना दिखाई दिया। किसी छोटे स्तर पर बनाए गए चीनी मिल को घाना, इस क्षेत्र में कहा जाता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा पंजाब के कुछ क्षेत्रों में इसी स्तर के चीनी मिलों को चरखी के नाम से जाना जाता है। अचानक ही मेरी नजर उक्त घाने में काम करने वाले एक व्यक्ति पर पड़ी। इस व्यक्ति ने कुर्ता पायजामा पहना हुआ था। कुर्ते पजामे को पश्चिम उत्तर प्रदेश की राजकीय पोशाक कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लगभग हर एक व्यक्ति कुर्ते पजामे की पोशाक ही धारण करके रहता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहने जाने वाले इन कुर्ते पजामे की बनावट भी लगभग एक जैसी रहती है। भले ही कोई आम आदमी हो, नेता हो, अमीर हो, गरीब हो, परंतु, कुर्ते पजामे की बनावट लगभग सभी व्यक्तियों की एक जैसी रहती है। हालांकि कपड़ों के रेशे,  शत प्रतिशत सभी व्यक्तियों के अलग-अलग पाए जाएंगे।  खैर छोड़िए, अब आज की बात को आगे बढ़ाते हैं। इस व्यक्ति द्वारा पहने गए कुर्ते पजामे की बनावट को देखते ही मैं समझ गया कि यह व्यक्ति सहारनपुर या इसके आसपास के ही किसे जिले से संबं...

AMLA-BETUL ME RENUKA MATA MANDIR KE DARSHAN | बैतूल जिले में कोरोना लॉकडॉउन का अंत एवं रेणुका माता मंदिर (छावल) के दर्शन |

बैतूल जिले में कोरोना लॉकडॉउन का अंत एवं रेणुका माता मंदिर (छावल) के दर्शन | पूरा देश पिछले कुछ समय से कोरोनावायरस महामारी के दंश को झेल रहा था। सरकार द्वारा लगाए गए लॉक डाउन नियमों का पालन करते हुए, पिछले कुछ दिनों से लोग बस अपने घरों में ही दुबक कर रह गए थे।  इसी कड़ी में हम भी बीते करीब एक महीने से आमला तहसील के एक छोटे से गांव बोड़की के अपने गरीबखाने के एक कोने में दुबके बैठे थे। आमला बैतूल मौसम हमेशा बहुत अच्छा ही रहता है।  आमला बैतूल का समाचार इतना जयादा सुनाई नहीं पड़ता क्योंकि यह एक शांत सी छोटी तहसील है।    बो़डकी नहीं जानते ?  अरे, बेतुल शहर से अगर आप लगभग ३० किलोमीटर हाईवे पर नागपुर की तरफ चले, और वहां पंखा रोड नाम कि जगह पर अपने बाएं हाथ की तरफ लगभग फिर से १२ किलोमीटर चलें तो आप पहुंच जाएंगे हमारे बोडकी गांव।  लॉक डाउन ने मन में एक खटास सी पैदा कर दी थी। घर में लेटे लेटे ना तो कोई फिल्म अब अच्छी लग रही थी और न लगभग एक ही तरह का कंटेंट परोसते यूट्यूब चैनल।  मन था तो बस कहीं एक शांत सी छोटी सी यात्रा करने का। जैसे ही लॉक डाउन में प्रशासन द्वा...

आमला का रामटेक मंदिर, बरसात के दिनों में

  आमला का रामटेक मंदिर, बरसात के दिनों में   आज कुछ  मित्रों के साथ रामटेक मंदिर जाने  का मौका मिला। अमला रेलवे स्टेशन से अगर आप बैतूल की तरफ चलेंगे तो लगभग ५ किलोमीटर की दुरी पर हासलपुर गाँव में यह मंदिर स्थित है। मंदिर आसपास की जमीन से कुछ  ऊंचाई पर स्थित है। संभवतया ये ऊंचाई आसपास की दूसरी पहाड़ियों की तुलना में सर्वाधिक है।   मंदिर पहुँचने का रास्ता मंदिर में जाने के लिए बहुत ही आसानी से पूरी की जा सकने वाली ऊंचाई है एवं उसके बाद लगभग बीस सीढ़ियां है। बहुत ही शांति के साथ भी अगर शरू किया जाये तो महज दस मिनट में मुख्य सड़क से मंदिर तक पैदल यात्रा पूरी की जा सकती है। दुपहिया वाहन से तो सीधे मंदिर तक की सीढ़ियों तक का सफर भी पूरा कर सकते हैं। चौपहिया वहां से हालांकि ऐसा करना शायद मुश्किल होगा , क्योंकि रास्ता बहुत ही उबड़ खाबड़ एवं पथरीला है। हालाँकि चौपहिया वाहन को मुख्य मार्ग के पास ही छोड़ सकते हैं, बिना किसी असुरक्षा की भावना के।  मंदिर प्रांगण की ओर  बढ़ते हुए हम लोग   मंदिर प्रांगण जाने वाली सीढ़ियाँ मंदिर प्रांगण की  सीढ़ियों से दि...