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आमला स्थित पचामा झरना।

आमला तहसील का पचामा झरना। 


आज दिनांक 12 सितंबर 2021, दिन रविवार को हम दो मित्रों ने आमला तहसील के पचामा स्थित झरने को देखने को कार्यक्रम परिवार सहित बनाया। 

बेतुल जिले की आमला तहसील के ग्रामीण अंचल को प्रकृति ने बहुत ही खूबसूरती से संवारा है। और खूबसूरती भी ऐसी की, वर्ष के अलग अलग महीनों में एक ही स्थान आपको अलग अलग अहसास प्रदान करता है। पचामा झरना भी कुछ इसी तरह की जगह है। अगर इसी झरने को ग्रीष्म ऋतु में देखा जाए, तो झरना लगभग सूख चुका होता है, और किसी द्वारा ये बताया जाना कि यहां बरसात के दिनों में झरना भी होता है, एक अचंभित सी करने वाली बात लगती है। आमला तहसील की इस झरने के जैसी कितनी ही सारी जगह ऐसी हैं जिनको की तहसील में उतनी अहमियत नहीं दी जाती, जितनी कि दी जाने की वजह से बाकी कई स्थान पर्यटक स्थल बन चुके हैं। देहरादून जैसी जगह पर, पचामा जैसे झरने न सिर्फ एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है, बल्कि पर्यटकों के समूह को एक महत्वपूर्ण आकर्षण केंद्र भी है। खैर बहुत हुई इधर उधर की बातें, अब कुछ झरने के बारे में भी आपको बता दिया जाए। 

आगे बढ़ने से पहले एक बार झरने के पानी की कल कल करती आवाज भी सुनते चलते हैं। 


कैसे  पहुंचे झरने तक। 


सबसे पहले आपको बताते चलें कि झरने तक आप कैसे पहुंच सकते हैं। 
अगर आप अपनी यात्रा आमला से शुरू करते हैं, तो सबसे पहले आप बोढकी गांव होते हुए हसलपुर गांव तक पहुंच जाए। हसल पुर से पंखा रोड न जाकर बेतुल जाने वाले कंक्रीट रोड की तरफ मुड़ जाए। थोड़ा ही आगे जाने पर, या यूं कहे कि राम टेकड़ी मंदिर के पास बने मोड़ पर कन्नड़ गांव जाने वाले रास्ते पर दाहिने तरफ घूम जाइए। कन्नड़ गांव के पास से ही मोआड़ गांव जाने की तरफ रास्ते पर बढ़े चलें। मोआड गांव के थोड़ा ओर आगे जाने पर आप पचामा झरने वाले स्थान पर पहुंच जाएंगे। रास्ते में आप किसी भी ग्रामीण से रास्ते के बारे में पूछेंगे तो वो आपको रास्ते के बारे में ठीक से जानकारी देंगे। 
आप कार के द्वारा अपनी यात्रा कर सकते हैं एवं लगभग पूरी ही सड़क Bitumen की बनी हुई अच्छी सड़क है। 
हां, मोआड गांव के बाद , लगभग अंत के दो किलोमीटर पथरीली सड़क है, उसके लिए आपको अपने वाहन को रोक कर कुछ दूर तक पैदल चलना पड़ सकता है। वाहन की सुरक्षा  के बारे में ऐसी कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि लगभग सूना सा ही यह इलाका रहता है। 

क्यों जाएं पचामा ? 

झरने के बारे में और स्थान के बारे में और जानकारी देने से पहले ये जान लेना बहुत ज्यादा जरूरी है कि हमें पचामा झरने पर क्यों जाना चाहिए । कुछ तस्वीरों के माध्यम से हम झरने की खूबसूरती देखते हैं और उसी से झरने तक जाने का कारण हम समझ सकते हैं। 
झरने तक जाने वाले रास्ते में मिली एक छोटी सी धारा।

कल कल बहता पानी एवं पीछे अनुपम छटा बिखेरती प्रकृति।

मन को शांति प्रदान करने वाला , बहते पानी एवं हरियाली का अनूठा जोड़।



पत्त्थरो केेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेे बीच से गुजरते हुए एक सुकून देने वाली आवाज़ देते हुए बहता, जल।


झरने तक जाने के लिए ग्रामीण लोगों द्वारा बांस एवं लकड़ी का प्रयोग कर बनाई गई सीढ़ियां।



झरने के कुछ मनमोहक दृश्य।

झरने के कुछ मनमोहक दृश्य।
झरने के कुछ मनमोहक दृश्य।

झरने के कुछ मनमोहक दृश्य।




पहुंचने का सबसे उपयुक्त समय। 

झरने पर पहुंचने के लिए सबसे उपयुक्त समय वर्षा  ऋतु का समय ही है। वर्षा ऋतु के अलावा झरने से पानी सूख जाता है, तो आप उस तरह का आनंद किसी अन्य ऋतु में नहीं ले पाएंगे । 

परिवार के लिए सुरक्षित ।

झरना एक बहुत ही सुनसान सी जगह पर है। बेहतर होगा कि अगर आप परिवार के साथ जाना चाहते हैं तो एक समूह में जाए कुछ लोगों के साथ। इससे आप लोगों को कोई सुरक्षा की दृष्टि से कोई खतरा नहीं होगा। वैसे आसपास ग्रामीण लोग घूमते भी रहते हैं, तो सुरक्षा की ऐसी कोई परेशानी नजर तो नहीं आती है। 

अन्य सुविधाएं । 


झरने के आसपास कोई भी खाने पीने की दुकान नहीं है। पानी एवं खाना आप साथ लेकर हिंजाएं तो बेहतर होगा। शौचालय एवं अन्य ऐसी सुविधाएं भी झरने के पास उपलब्ध नहीं है। 

आशा है कि आप लोग जल्द ही झरने पर पहुंचने का कार्यक्रम बनाएंगे एवं इस वातावरण का आनंद लेंगे। 
धन्यवाद। 


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